जाने 100 महत्वपूर्ण सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े तथ्य
सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े 100 महत्वपूर्ण तथ्य
सिंधु घाटी सभ्यता जिसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है तथा माना जाता है अब तक की ज्ञात सभ्यताओं में सबसे
प्राचीन सभ्यता है जिसकी खोज 1921 में हुई. जो 2500 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व तक रही तथा इस सभ्यता का पतन 1500 ईसापूर्व के आसपास हो गया. हम आज इस सभ्यता से जुड़े 100 महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानेंगे जो आने वाले एग्जाम में आपके अति महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.
तो चलिए जानते हैं
सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
1. हड़प्पा नामक स्थान से हड़प्पा सभ्यता के प्रथम अवशेष प्राप्त हुए थे. इस सभ्यता को हड़प्पा नामक स्थान से प्राप्त अवशेषों के कारण ही हड़प्पा सभ्यता कहा गया.
2. हड़प्पा सभ्यता 2500 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व तक फली फूली. कार्बन डेटिंग पद्धति का सहारा .हड़प्पा सभ्यता की तिथि ज्ञात करने के लिए लिया गया.
3. भारतीय उपमहाद्वीप की प्रथम नगरीय सभ्यता हड़प्पा सभ्यता को माना जाता है.
4. इसके प्रमुख नगर मोहनजोदड़ो की खुदाई के कारण हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता का नाम मिला. क्योंकि सिंधु नदी के किनारे मोहनजोदड़ो की खुदाई हुई थी. इसे सिंधु घाटी सभ्यता इसी सिंधु नदी के कारण.
5. सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ प्रमुख नगरों की खोज नदियों के किनारे हुई जिनके नाम और नदी इस प्रकार है
प्रमुख नगर नदिया
मोहनजोदड़ो सिंधु नदी
लोथल बोगवा नदी
आलमगीरपुर हिंडन नदी
कुणाल सरस्वती नदी
बनवाली सरस्वती नदी
चन्हुदड़ो सिंधु नदी
हड़प्पा रावी नदी
6. सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार दक्षिण में नर्मदा के किनारे तक दक्षिण में नर्मदा के किनारे तक और उत्तर पूर्व में मेरठ से लेकर पश्चिम में बलूचिस्तान के मकरान समुद्र तट तक था.
7. सिंधु सभ्यता का अकार त्रिभुजाकार तथा क्षेत्रफल 12,99,600 वर्ग किलोमीटर था.
8. सिंधु सभ्यता से भी बड़ी सभ्यता मिस्त्र सभ्यता थी.
9. कांस्य युगीन सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता कहा जाता है.
10. सिंधु सभ्यता के खोजकर्ता तथा उनके नगर इस प्रकार हैं.
खोजकर्ता नगर
दयाराम साहनी हड़प्पा
राम लद्दाख बनर्जी मोहनजोदड़ो
रंगनाथ राव लोथल
ब्रजवासी लाल, अमलानंद घोष कालीबंगा
रविंद्र सिंह बिष्ट बनवाली
यक्षदत्त शर्मा रोपड़
गोपाल मजूमदार चन्हुदड़ो
11. विन्यास पद्धति ‘Grid System ‘ पर सिंधु घाटी सभ्यता की नगर आधारित थी.
12. सिंधु सभ्यता के नगरों की गलियां चौड़ी व सीधी तथा एक दूसरे को समकोण पर काटती थी.
13. हड़प्पा वासी अपने घरों को अधिकतर दो मंजिल के बनाते थे.
14. वास्तुकला का भारत में आरंभ सिंधु वासियों ने ही किया था.
15. अन्नागार सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत का नाम है जो मोहनजोदड़ो की खुदाई से मिली.
16. एक विशाल स्नानघर भी मोहनजोदड़ो की खुदाई से मिला है.
17, कपास की खेती करने का श्रेय विश्व में सर्वप्रथम सिंधु वासियों को ही जाता है.
18. चावल और बाजरा की खेती करना भी सिंधु सभ्यता वासी जानते थे लोथल से चावल और बाजरा के साक्ष्य मिले हैं
19. सिंधु सभ्यता वासियों का लोथल एक ऐसा स्थान था जो प्रमुख बंदरगाह था.
20, बनावली से मिले हल के प्रमाण के आधार पर यह लोग हल चलाना भी जानते थे.
21. जूते हुए खेत के प्रमाण भी मिले हैं. कालीबंगा की खुदाई में.
22. हाथी और घोड़े से परिचित थे सिंधु वासी परंतु उन्हें पालतू नहीं बना सके.
23. घोड़े के होने के प्रमाण मिले हैं सुरकोटदा की खुदाई में.
24. एक ईंट पर बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के पंजों के निशान भी चन्हुदड़ो की खुदाई में मिले है.
25. सिंधु वासियों को जंगल के राजा शेर को नहीं जानते थे तथा गैंडा,बंदर, भालू, आदि जंगली जानवरों का ज्ञान था.
26. मुद्रा प्रणाली का प्रचलन सिंधु सभ्यता के समय नहीं था.
27. यह लोग विनिमय आधार पर क्रय विक्रय वस्तु का व्यापार किया करते थे.
28. सिंधु सभ्यता के लोग व्यापार अन्य सभ्यता के लोगों के साथ करते थे.
29. सिंधु सभ्यता के लोग अफगानिस्तान, ईरान, दक्षिण भारत, तक व्यापार किया करते थे. यह लोग तांबा, चांदी, सोना, शीशा, आदि का व्यापार करते थे
30. यह सभ्यता व्यापारी एवं शिल्पियों के हाथों में थी हड़प्पा की खुदाई से मिले साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है.
31. 1056 नगरों की खोज सन 1999 तक सिंधु सभ्यता की हो चुकी थी. इस सभ्यता को नगरीय सभ्यता 1056 नगरों की खोज के कारण ही कहां गया.
32. सोना, चांदी, तांबा, धातु का सिंधु वासी अपने आभूषणों में प्रयोग करते थे यह लोग बहुत चाव से कीमती पत्थर से बने आभूषणों को पहनते थे.
33. मंदिर नहीं बनाते थे सिंधु सभ्यता के लोग ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि एक भी मंदिर के प्रमाण नहीं मिले हैं. अब तक की खुदाई से.
34. कूबड़ सांड की पूजा हड़प्पा वासी मुख्य रूप से पूजा करते थे.
35. खुदाई से मिले पीपल एवं बबूल के पेड़ों के साक्ष्यों के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है. हड़प्पावासी वृक्षों की पूजा भी करते थे.
36. मोहनजोदड़ो की खुदाई से एक मोहर पर स्वास्तिक चिन्ह के निशान मिले है. सिंधु वासी स्वास्तिक चिन्ह बनाना जानते थे.
37. लिपि भाव सिंधु सभ्यता की चित्रात्मक थी.
38. L A vadel ने सिंधु लिपि को पढ़ने का सर्व प्रथम प्रयास किया था.
39. अब तक सिंधु सभ्यता की लिपि को समझा नहीं जा सका है.
40. समझा नहीं जा सका है. सिंधु वासी लिखते समय मछली,मानवकृति, चिड़िया आदि का प्रयोग किया करते थे.
41 PreHistoric युग सिंधु सभ्यता को का माना गया है.
42. द्रविड़ और भूमध्यसागरीय सिंधु सभ्यता के मुख्य निवासी थे.
43. गुजरात में सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक स्थल खोजे गए हैं.
44. मनके बनाने के लिए सिंधु सभ्यता वासियों ने कारखाने लगा रखे थे.
45. लोथल और चन्हुदडो से कारखानों के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.
46. गेहूं और जो सिंधु सभ्यता की मुख्य फसलें थी.
47. तौल की इकाई में 16 का अनुपात सिंधु सभ्यता वासी रखते थे.
48. धरती की पूजा सिंधु सभ्यता के लोग करते थे ऐसा माना जाता है, अपने खेतों की ऊर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए धरतीमाता की पूजा सिन्धुवासी लोग करते थे.
49. मातृदेवी की भी सिंधु सभ्यता वासी पूजा करते थे.
50. मातृ प्रधान सभ्यता सिंधु सभ्यता थी.
51. पर्दाप्रथा कहा जाता है सिंधु सभ्यता में प्रचलित थी.
52. मोहनजोदड़ो क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा नगर था.
53. हड़प्पा वासी कुशल कारीगरी करना जानते थे. हड़प्पाकालीन स्थलों की खुदाई से मिले प्रमुख साक्ष्य के आधार पर कहा जा सकता है
54. 1921 में दयाराम साहनी द्वारा हड़प्पा नगर की खोज की गई थी.
55. कुछ महत्वपूर्ण चीजे मोहनजोदड़ो की खुदाई से भी मिले हैं जैसे कांसे की एक नर्तकी की मूर्ति, पक्की ईट, सीडी आदि के साक्ष्य मिले हैं.
56. कुछ महत्वपूर्ण चीजें हड़प्पा की खुदाई से प्राप्त हुई हैं जैसे नटराज की आकृति वाली मूर्ति, पैर में सांप दबाए गरुड़ का चित्र ,मछुआरे का चित्र, शंख का बना हुआ बैल आदि
57. 1922 में राम लद्दाख बनर्जी द्वारा मोहनजोदड़ो की खोज की गई थी.
58. मृतकों का टीला भी मोहनजोदड़ो को कहा जाता है.
59. लोथल प्रमुख नगर है सिंधु सभ्यता का जिससे महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं , लोथल से दो मुंह वाले राक्षस के अंकन , बत्तख, बारहसिंघा, गोरिल्ला वाली मुद्राएं प्राप्त हुई है
60. कालीबंगा सिंधु सभ्यता का एक प्रमुख नगर जो राजस्थान में स्थित घाघर नदी के किनारे है.
61. ‘काली चूड़ियां’ कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ है
62. विकसित हड़प्पा सभ्यता कालीबंगा से साक्ष्य मिले.
63. कालीबंगा से ही प्राप्त हुए जूते हुए खेत, सरसों के साक्ष्य से भी है, कालीबंगा से ही एक सींग वाले देवता के साक्ष्य भी मिले है .
64. सिंधु सभ्यता में प्रचलित मानव के साथ कुत्ते को दफनाने की प्रथा भी थी रोपड़ से ऐसी ही एक प्रथा के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.
65. हरियाणा के बनावली से अच्छे किस्म की जो और हल की आकृति वाला खिलौना प्राप्त हुई है.
66. खेलो में भी रूचि सिंधुवासी रखते थे.
67. सतरंज का खेल सिंधुवासी जानते थे.
68. कहा जाता है सरस्वती नदी के किनारे भी इस सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं. इसलिए सिंधु सभ्यता को ‘सिंधु सरस्वती’ सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है
69. इस सभ्यता प्रथम बार काँसे के प्रयोग के कारण कांस्य युगीन सभ्यता कहा जाता है.
70. सिंधु सभ्यता वासियों के लोग प्रमुख व्यवसाय कृषि पर आधारित थे. यह लोग जो, बाजरा ,चावल, कपास आदि की खेती थे करते
71. मिट्टी की स्त्री मूर्तिकाएं भारी संख्या में हड़प्पा में पकी मिली हैं। एक पौधा एक मूर्ति में स्त्री के गर्भ से निकलता दिखाया गया है। विद्वानों के अनुसार यह पृथ्वी देवी की प्रतिमा है.
72. ज्ञात खुदाई में मात्र 3 प्रतिशत हड़प्पा सभ्यता को अब तक खोजा गया है.
73. युगल शवाधान का साक्ष्य लोथल से मिला है हिंदू सभ्यता में सती प्रथा का प्रचलन था. साक्ष्य के आधार पर कहा जा सकता है।
74. भक्तिवाद ,पुनर्जन्म आदि के सिंधु सभ्यता में साक्ष्य भी मिले हैं.
75.अधिकतर हड़प्पा नगर वासियों के घर पक्की ईंटों के बने होते थे.
76. बहुत कम मात्रा में सिंधु सभ्यता में फलों की खेती होती थी.
77. यह लोग खेती के लिए बैलगाड़ी का प्रयोग करते थे, बनावली से मिले बैलगाड़ी के खिलौने के साक्ष्य के आधार पर कहा जा सकता है .
78. सूत्रों के अनुसार हड़प्पा घाटी के अधिकांश लोगो का जीवन समृद्ध था।संसाधनों के एकत्रीकरण की व्यवस्था ही हड़प्पा में संस्कृति के विकास का कारण बनी.
79. हड़प्पा संस्कृति प्रगति का मुख्य कारण वहा के लोगो का आत्मनिर्भर होना था.
80. मेसोपोटामियाइस सभ्यता की समकालीन सभ्यता थी.
81. असंख्य देवियों की मूर्तियां मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा में प्राप्त हुई हैं। ये मूर्तियां मातृदेवी या प्रकृति देवी की हैं।
82. हिन्दू धर्म की प्राचीनकाल में कैसी स्थिति थी यहां हुई खुदाई से पता चला।
83. दुनिया की सबसे रहस्यमयी सभ्यता सिन्धु घाटी की सभ्यता को माना जाता है, क्योंकि इसके पतन के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है.
84. वर्ष 1842 में पहली बार हड़प्पा सभ्यता को चार्ल्स मेसन ने खोजा था।इसके बाद 1921 में हड़प्पा की आधिकारिक खोज कईदया राम साहनी ने की थी
85. कई ऐसी चीजें हड़प्पा से मिली हैं, जिन्हें हिन्दू धर्म से जोड़ा जा सकता है। बैल, नंदी, मातृदेवी, बैलगाड़ी पुरोहित की एक मूर्ति और शिवलिंग आदि हिंदू धर्म के प्रतीक है.
86. लगभग 5000 पुराना जो 1940 में खुदाई के दौरान पुरातात्विक विभाग के एमएस वत्स को एक शिव लिंग मिला.
87. सिंध का बाग़ भी मोहनजोदड़ो को कहा जाता है.
88. मोहनजोदड़ो की स्थापना आज से 4616 वर्ष पूर्व हुई थी. ऐसा माना जाता है.
89. द्रविड़ लोग इतिहासकारों के अनुसार हड़प्पा सभ्यता के निर्माता थे.
90. हड़प्पावासियों को ही इतिहासकारों के अनुसार सबसे पहली बार कपास उपजाने का श्रेय दिया जाता है.
91. कलाकृतियों का दर्जा हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त मोहरो को सर्वोत्तम प्राप्त है.
92. लाल रंग का प्रयोग हड़प्पा वासी मिटी के बर्तनो पर करते थे.
93. विशाल स्नानागार में जल के रिसाव को रोकने के लिए मोहनजोदड़ों से प्राप्त ईंटों के ऊपर जिप्सम के गारे के ऊपर चारकोल की परत चढ़ाई गई थी जिससे पता चलता है कि वे चारकोल के संबंध में भी जानते थे.
94. हड़प्पा काल के अंतिम समय में हड़प्पा घाटी के लोग कयी बीमारियों से जूझ रहे थे. पुरातात्विक विभाग के सर्वे के अनुसार पता चला
95. हड़प्पा घाटी के लोग आर्थिक रूप से समृद्ध होने के बावजूद भी स्वस्थ नहीं रहते थे. कहा जाता है.
96. सिंधु सभ्यता का पतन 1500 ईसा पूर्व के आसपास हो गया
97. अंतिम समय में कार्नियो-फेसिअल मानसिक आघात नामक बीमारी से सिन्धुवासी मुख्य रूप से ग्रसित थे, यह बीमारी तेज़ी से फैल रही थी
98. पाकिस्तान बनने के बाद 1947 में सिंधु सभ्यता के दो प्रमुख नगर मोहनजोदड़ो और हड़प्पा पाकिस्तान का हिस्सा बन गए.
99. भारत में धोलावीरा सिंधु सभ्यता का प्रमुख स्थल है
100. लगभग 1800 ई.पू. में सिंधु घाटी सभ्यता का पतन हो गया था, परंतु उसके पतन के कारण अभी भी विवादित हैं।
सिंधु सभ्यता के पतन के भी कई कारण हैं .प्रसिद्ध विद्वान दयाराम साहनी और राम लदाख बनर्जी के अनुसार सिंधु सभ्यता का पतन, बाढ़, जलप्लावन, जलवायु परिवर्तन आदि कारणों से हुआ था. अलग-अलग इतिहासकारों में सिंधु घाटी सभ्यता के पतन को लेकर भिन्न-भिन्न मतभेद रहे हैं इस सभ्यता के विनाश का कारण गार्डन चाइल्ड और व्हीलर आर्यों का आक्रमण मानते हैं. यही मार्शल और एमएस भार्गव इस सभ्यता के पतन का कारण बाढ़ तथा महामारी को मानते हैं.